कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का मतलब है मशीनों में मानवीय बुद्धि का अनुकरण करना। इसे ऐसे समझे - कृत्रिम, यानी बनावटी, बुद्धिमत्ता, यानी समझने और सीखने की क्षमता। दूसरे शब्दों में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है जिसमें मशीनों को उन कार्यों को करने के योग्य बनाया जाता है जिन्हें आम तौर पर मानवीय सोच की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन पर कोई चीज़ सर्च करते समय मिलने वाले सुझाव, या सोशल मीडिया पर आपके लिए चुनी हुई खबरें, ये सब कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कमाल है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मशीनों को सीखने और बुद्धिमानी से काम करने में सक्षम बनाती है. ये मुख्य रूप से दो तरीकों से काम करती है:
डेटा प्रशिक्षण (Data Training): सबसे पहले, एआई सिस्टम को भारी मात्रा में डेटा खिलाया जाता है. ये डेटा टेक्स्ट, इमेज, वीडियो या किसी भी फॉर्मेट का हो सकता है. इस डेटा को एआई एल्गोरिथम (सूत्रों का समूह) प्रोसेस करते हैं और उससे पैटर्न और संबंध सीखते हैं. उदाहरण के लिए, किसी सेल्फ-ड्राइविंग कार को सड़क पर गाड़ी चलाना सिखाने के लिए, उसे ट्रैफिक लाइट, साइन और पैदल चलने वालों को पहचानना सीखना होगा. इसके लिए उसे लाखों तस्वीरों और वीडियोज का डेटा दिया जाएगा.
अनुमान लगाना (Making Predictions): एक बार एआई सिस्टम डेटा से सीख लेता है, तो वह नए डेटा के आधार पर भविष्यवाणी करने में सक्षम हो जाता है. उदाहरण के लिए, कोई ईमेल स्पैम है या नहीं, ये पहचानने के लिए एआई सिस्टम को हजारों ईमेल का डेटा खिलाया गया होगा. अब जब उसे कोई नया ईमेल मिलता है, तो वो उस ईमेल में मौजूद शब्दों और पैटर्न को पहले सीखे हुए डेटा से मिलाकर यह बता सकता है कि ये स्पैम है या नहीं.
कुछ और जटिल एआई सिस्टम न्यूरल नेटवर्क पर आधारित होते हैं. ये मानव मस्तिष्क की संरचना से प्रेरित होते हैं और बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने में सक्षम होते हैं.
कुल मिलाकर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों को सीखने और वातावरण को समझने में सक्षम बनाती है, जिससे वो अपने आप काम कर सकती हैं और बेहतर निर्णय ले सकती हैं.